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श्रद्धा से यूत होता है । श्रद्धासम्पत्र ज्ञान की महिमा अपार है मगर उसका पूरा ... लाभ तभी प्राप्त होता है जब ज्ञान के अनुसार आचरण भी किया जाय ।
चारित्र गुण के विकास के अभाव में ज्ञान सफल नहीं होता। ... जो मनुष्य ज्ञानोपासना में निरत रहता है, वह अपने संस्कारों में मानों
अमृत का सिंचन करता है। अपनी भावी पीढ़ियों के सुसंस्कारों का बीजारोपण - करता है । उसका इस लोक और परलोक में परम कल्याण होता है।
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