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३५२ .... जिसकी सात पीढ़ियां निर्मल रही हों वह कुलीन कहलाता था। जिसं - पुत्र का मातृ वंश और पितृ वंश निर्मल होगा वह कुलीन और जातिमान् कहलाएगा । किसी बालक में कोई दुर्गुण दीख पड़े तो उसके पितृ वंश के इति-.. हास की खोज करनी चाहिये । पता चल जाएगा कि उसके किसी पूर्वज में यह . दोष अवश्य रहा होगा।
__ महागंगा की धारा को मोड़ना जैसे शक्य नहीं, उसी प्रकार भद्रबाहु की विचारधारा को मोड़ना भी शक्य नहीं था। उन्होंने स्थूलभद्र को चौदह पूर्व.... - सिखा दिये किन्तु उन्हें यह आदेश भी दे दिया कि आगे चौदह पूर्व किसी को..
न सिखाना। .. : सिद्धसेन एक बड़े विद्वान् व्यक्ति थे। उनका कहना था कि मेरे मुकानिले
का कोई विद्वान् मिले तो उसके साथ शास्त्रार्थ करूं; किन्तु कोई उनका सामना करने को तैयार नहीं होता था। उनको विद्वत्ता की कुंदुभि वजने लगी। कहते ... हैं-उन्होंने अपने पेंट पर पट्टा बांध रखा था। कोई पट्टा बांधने का कारण पूछता तो वे कहते-पट्टा न वायू तो विद्या की अधिकता के कारण पेट फट....
. जाएगा !..
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.. . उसी समय वृद्धवादी नामक एक जैन विद्वान थे। किसी ने सिद्धसेन से .
पूछा-या आपने कभी वृद्धवादी से चर्चा की है ? सिद्धसेन बोले-बूढ़े वैल की ... .. मेरे सामने क्या बिसात है। फिर भी देख लूगा। ...........
सिद्धतेत एक बार वृद्धवादी के पास पहुंचे। उन्होंने कहा मैं उपदेश सुनने नहीं, वाद करने के लिए आया हूँ। प्राचार्य वृद्धवादी ने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा और अध्ययन करके कहा-बाद करना स्वीकार है, परन्तु ... मध्यस्थ चाहिये जो बाद के परिणाम (जय-पराजय) का निर्णय करे।
.: जंगल में दोनों विद्वानों की मुलाकात हुई थी। वहां इन दो महारथियों के बाद का निर्णय करने योग्य मध्यस्थ विद्वान् कहाँ मिलता ? आखिर एक