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इसके पश्चात् क्या घटना घटित होती है, यह पागे सुनने से विदित होगा । जैन साहित्य के इतिहास में यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना है जिसने भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला है।
बन्धुनो! जैसे उस समय का संघ ज्ञान-गंगा के विस्तार के लिए . यत्नशील था, उसी प्रकार अाज का संघ भी यत्नशील हो और युग की विशेषता . का ध्यान रखते हुए ज्ञान-प्रचार में सहयोग दे तो सम्पूर्ण जगत् का महान् उपकार और कल्याण होगा।