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आध्यात्मिक आलोक - इतिहास और धर्मशास्त्र उनकी यशोगाथा गाता है तथा प्रेमभरे हृदय से उनका सम्मान करता है, जो जीवन में आत्म-विश्वास उत्पन्न कर राग रहित हो गए हैं। आत्म-विश्वास से असंभव कार्य भी सुगम और संभव हो जाते हैं और साधना ही आत्म-विश्वास जगाकर साधक को परम-पद पर पहुँचाने की क्षमता रखती है, यह सत्य एवं निश्चित है । ऐसा समझ कर निःशंक मन से साधना करेंगे तो कल्याण ही कल्याण है।