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आध्यात्मिक आलोक बिता दो । जीवन की घड़ियां परिमित हैं और भविष्य अनन्त है । इस स्वल्प समय में अनन्त भविष्य को सुखमय बनाने में ढील न करो । जो वीतराग की वाणी को समझने का प्रयत्न करेगा और उसे जीवन में व्यवहृत करेगा, उसका अक्षय कल्याण होगा।