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93 चक्खुस्स
ส
तं
दोस
समो उ जो तेसु स
रूवं गहणं वयंति
तु
रामहेउं
94 रूवेसु जो गेहिमुवेद
पावइ से
कालियं
रागाउरे से जह
प्रालोगलोले
F
96 एविदियत्था दुक्खस्स हेडं
38 ]
मणन्नमाह ।
श्रमणन्नमाहु वोयरागो ॥
समुवेद
95 भावे विरत्तो मणुश्रो विसोगो
एएल
न
जलेण
97 न
ส
जे
तप्पदोसी
सो तेसु मोहा
तिब्वं
विणासं ।
था पयंगे
म ॥
लिप्पई भवमज्भे वि संतो
दुक्खोधपरंपरेण ।
वा पुक्लरिणोपला ||
य मरणस्स प्रत्या
मनुयस्स रागियो । ते चैव थोवं पि कयाइ दुक्खं
न वीरागस करेंति
किचि ॥
कामभोगा
समयं
यावि भोगा विगई
उर्वेति
उयति ।
य परिग्गही य विगहूं उवेति ॥
उत्तराध्ययन