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35 जहा लाभो तहा लोभो लाभा लोभो पवडढई दोमासकयं कज्जं कोडीए वि न निट्टियं ॥
36 जो सहस्सं सहस्सारणं संगामे दुज्जए नि एवं जिज्ज अप्पारणं एस से परमो जओ
38 सुवण्ण-रुप्पस्स उ पव्वया भवे सिया हु केलाससमा असखया 1 नरस्स लुद्धस्स न तेहिं किंचि इच्छा हु आगाससमा अरांतिया ||
37 अप्पाणमेव जुज्झाहि कि ते जुज्भेण बज्झप्रो 1 प्रप्पाणमेव अप्पा जड़त्ता सुहमेहए ||
39 दुमपत्तए पंडुयए
जहा
निवडइ राइगणाण अच्चए 1
जीविय
एव
मण पाण
समयं गोयम ! मा पमायए
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उत्तराध्ययन