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________________ ३२] [ पद्मिनी चरित्र चौपई धवल कुसुम सिणगार, धवल बहु वस्त्र सुहावै मोताहल मणि रयण, हार हीई' ऊपरि भावं अलप भूख त्रिस अलप, नयण लहु नींद न आव आसण रंग सुरंग, जुगति सु काम जगावे भगति जुगति भरतार री रहै अहोनिश रागणी कहै राघव सुलतान सुणि, पहोवी हुवें इसी पमदणी ॥४॥ श्लोक पनिनी पद्म गन्धा च पुष्प गन्धा च चित्रणी हत्तनी मच्छ गन्धा च दुर्गन्धाभवेत्सखणी ॥१॥ पद्मिनी स्वामिभक्ता च पुत्रभक्ता च चित्रणी। हस्तिनी मातृभक्ता च आत्मभक्ता च संखणी ॥२॥ पद्मिनी करलकेशा च लम्बकेशा च चित्रणी। हस्तिनी उर्द्धकेशा च लठरकेशा च संखिणी ॥३॥ पद्मिनी चन्द्रवदना च सूर्यवदना च चित्रणी। हस्तिनी पद्मवदना च शूकरवदना' च संखणी ॥४॥ पद्मिनी हंसवाणी च कोकिलावाणी च चित्रणी। हस्तिनी काकवाणी च गर्दभवाणी च संखणी ।।५।। पद्मिनी पाबाहारा च द्विपावाहारा च चित्रणी। त्रिपाटा हारा हस्तिनी बया परं हारा च संखणी ॥६॥ चतु वर्षे प्रसूति पद्मन्या त्रय वर्षाश्च चित्रणी। द्वि वर्या हत्तनी प्रसूतं प्रति वर्ष च संखिनी॥७॥ १ हृदयस्थल २ क्षीरगन्वा ३ काक
SR No.010707
Book TitlePadmini Charitra Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1953
Total Pages297
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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