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हमार
[ ५४ ] १८-ऋपम भत्तामर, प्र० तमयसुदर कृति कुतुमाजली। १६-वीर २७ भव, "
" २०-- मगलवाद, , २१-श्री जिनसिंहरि पदोत्सव ( रघुवंश, तृतीय सर्ग, पादपूर्ति ); प्रेस-कापी
- हमारे संग्रह में। २२-द्रोपदी-सहरण । २३-अल्पावहुनगर्मितस्तव स्वोपन वृत्ति, यात्मानद सभा, भावनगर से
प्रकाशित। २४-२४ जिन-गुरु नामगमित स्तोत्र स्वोपज्ञ वृत्ति, प्र० स० कृ० कु. । २५--स्तोत्र संग्रह।
सग्रह ग्रथ १-गाथासहस्री, स० १६८६; जिनदत्तसूरि ज्ञानभडार, सुरत से प्रकाशित ।
टीकाएँ १-रूपकमाला वृत्ति, सं० १६६३, बीकानेर, प्रेस कापी हमारे संग्रह । २-दुरियर स्तोत्र वृत्ति, १६८४, लूणकरणसर, जिनदत्तसूरि ज्ञानभडार से प्र० ३ कल्पसूत्र वृत्ति, ( कल्पलता ), १६८४-८५, रिणी, , , ४-जयतिहुअण वृत्ति, १६८७, पाटण; ५-~भक्तामर सुबोधिनी वृत्ति, १६८७, हमारे संग्रह मे। ६-नवतल शब्दार्थ वृत्ति, १६८८ अहमदावाद; हमारे संग्रह में। ७-दशवकालिक वृत्ति, १६६१, खमात । ८- रघुवंश वृत्ति, १६६२. खंभात; वड़ा ज्ञानभडार । ६-सदेह दोलावली पर्याय, १६६३ । १०-~-वृत्तरलार वृत्ति, १६६४, जालोर; हमारे संग्रह ।