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[ ५३. ]
सस्कृत
मौलिक १-भावशतक, स० १६४१ , प्रेस-कापी नाहटा-सग्रह, बीकानेर में वर्तमान । २-अष्टलक्षी, १६४६, लाहोर ; दे० ला० पु० फंड, सूरत से प्रकाशित । ३-चातुर्मासिक व्याख्यान, १६६५, अमरसर , प्रकाशित । ४-कालिकाचार्य कथा, १६६६, बीरमपुर ; श्री जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार,
सूरत से प्रकाशित । ५-श्रावकाराधना, १६६७, उच्चनगर, कोटा से प्रकाशित । ६- समाचारी शतक, १६६६-७२, सिद्धपुर-मेड़ता, जिनदत्तसूरि ज्ञानभडार
से प्रकाशित । ७ -विशेष शतक, १६७२, मेडता, जिनदत्तसूरि प्रा० पु० फड से प्रकाशित । ८-विचार शतक १६७४, मेडता; बड़ा ज्ञानभण्डार, बीकानेर में । ६-यति आराधना, १६८५; हमारे संग्रह में । १०-विशेष सग्रह, १६८५; हमारे संग्रह मे। ११-दीक्षा प्रतिष्ठा शुद्धि, १६८५ लूणकरणसर; प्रेस-कापी हमारे संग्रह में। १२-विसवाद शतक, १६८५, हमारे संग्रह में । १३-खरतरगच्छ पट्टावली, १६६०, खभात, प्रेस-कापी हमारे संग्रह में। १४-कथाकोश, ( अपूर्ण दे० ला० पु० फड सूरत प्रेस-कापी) पूर्ण प्रति
जिनऋद्धिसूरि सग्रह, स्वयं लिखित अपूर्ण प्रति विनयसागरजी स० । १५-सारस्वत रहस्य; प्रेस-कापी हमारे संग्रह में। १६-प्रश्नोत्तर २८८७, यप्राप्य (सूची का अन्तिम पत्र ही प्राप्त)। १७-प्रश्नोत्तर-सार-सग्रह, हसविजय लाइन्नेरी, वडोदा।