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गद्य रामायण
(८) रामचरित्र वालावबोध - अध्यात्म रामायण के ६ अध्यायों का यह राजस्थानी अनुवाद है । सम्वत् १७४७ की लिखित प्रति प्राप्त होने से रचना इससे पूर्व की निश्चित है पर अनुवादक का नाम नहीं पाया जाता । भाषा सरल है । इसकी एक शुद्ध प्रति बीकानेर के वृहद् ज्ञान भण्डार में ५८ पत्रो की है । जो १८वीं शताब्दी की लिखी प्रतीत होती हैं । अनूप संस्कृत लायब्रेरी के गुटके नं० २४० के पत्रांक १८० से २७० मे यह बालाववोध लिखित मिलता है । वह प्रति सम्वत् १७४७ में लिखी गई है ।
(१) रामचरित्र - अनूप संस्कृत लायब्रेरी में एक अन्य गद्य रामचरित्र भी है जिसकी प्रति के प्रारम्भिक पाँच पत्र नहीं है और पत्राक १२५ में कथा पूर्ण होती है । पर अन्त का उपसंहार बाकी रह जाता है ।
(१०) रामचरित्र - श्री मोतीचन्दजी खजांची के संग्रह में सम्वत् १८३२ जोधपुर में लिखित प्रति में यह गद्य रामचरित्र मिलता है 1 जिसमें ब्रह्माड पुराण के उल्लेख है । इसमें रामकथा बहुत विस्तार से चार हजार श्लोक परिमित है ।
(११) रामचरित्र गद्य की एक सचित्र प्रति खजाचीजी के संग्रह में है ।
(१२) गद्य रामायण की एक प्रति जोधपुर के कविया बद्रीदानजी के संग्रह में प्राप्त हुई है ।