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ढाल 9 ।। राग खंभायती सोहलानी जाति ।। देशी-"अम्मा मोरी मोहि परणाविहे।
अम्मा मोरी जेसलमेरा जादवा हे।। जादव मोटाराय, जादव मोटाराय हे । अम्मा मोरी कडिमोडी नइ घोडइ चडइ हे॥"
ढाल ए गीतनी सुण सखी मोरी वात हे, सुण तखी। कुस लव कुमार पधारिया हे। चालो जोवा काजि, चा० सु० । सहर सकल सिणगारिया हो ।।१।। बांध्या तोरण वारि हे, वां० सु० खलक लोकाई देखण नइ गई हे। वइठा कुमर विमान, व० सु० दरसण देखी अति हरपित थई हे ॥२॥ लखमण नइ श्रीराम, ल० सु० कुमर संघातइ विद्याधर घणा हे । अपछर देखई आवि । अ० सु० रूप मनोहर कुमर सोहमणा हे ॥३॥ नारी निरखण रूप । ना० सु० काम अधूरा मुंकी ऊलली हे। काचित मुंकी थाल । का० सु० आधइ भोजन कीधइ मलफली हे ॥४॥ काचित एकइं आखि । का० सु० काजल घाली नारि नीसरी हे। काचित रोतो बाल । का० सु० दूध धावंतो थण थी परिहरी हे ।।५।। काचित छूटे केस । का० सु० नणदल पासई सिर गुंथावती हे। ' काचित एकई वाहि। का० सु० पहिरी कंचुकी नीसरि धावती हे ॥६॥ काचित उलटउ चीर। का० सु० पहरी ओढणा लीधो हाथमइ हे। काचित कुंडल एक। का० सु० काने घाल्यो वीजइ हाथमइ हे॥७॥