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(अ)
नक
श्रनि
आशा
कर्म
(त्रिवि)
for in it
तुवि
भवि
भाव
40 ]
1
-
=
13
=
=
-
117
अव्यय ( इसका अर्थ भूकृ
लगाकर लिखा
व
गया है)
संकेत - सूची
कर्मक क्रिया
अनियमित
आज्ञा
कर्मवाच्य
क्रिया विशेषण
अव्यय ( इसका अर्थ
लगाकर
लिखा
गया है)
तुलनात्मक विशेषण
पुल्लिंग
प्रेरणार्थक क्रिया
भविष्य कृदन्त
भविष्यत्काल
भाववाच्य
भूतकाल
वकृ
वि
विधि
विधिकृ
स
संकृ
सक
सवि
स्त्री
हेक
( )
=
1=
=
-
=
-
भूतकालिक कृदन्त वर्तमानकाल
सम्बन्ध भूत कृदन्त
सकर्मक क्रिया
सर्वनाम विशेषरण
स्त्रीलिंग
हेत्वर्थं कृदन्त
इस प्रकार के
कोष्ठक में मूल
शब्द रक्खा गया
है ।
)+( ). ..]
कोष्ठक के अन्दर +
=
वर्तमान कृदन्त
विशेषण
विधि
विधि कृदन्त
सर्वनाम
[(
)+( इस प्रकार के
चिह्न किन्हीं शब्दों में संधि का द्योतक है | यहाँ अन्दर के कोष्टकों में गाथा
के शब्द ही रख दिये गये हैं ।
[ दशवैकालिक