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रायचंद्रजैनशास्त्रमाला।
श्रीमन्नेमिचन्द्रसैद्धान्तिकचक्रवर्तिरचित
गोम्मटसार।
(जीवकाण्ड)
न्या. वा. वा. ग. केसरी स्या. वारिधि पं. गोपालदासजी वरैयाके अन्यतम शिष्य खूबचन्द्र जैनद्वारारचित
संस्कृतछाया तथा बालबोधिनीटीकासहित ।
(प्रथमावृत्ति १००० प्रति)
जिसको श्रीपरमश्रुतप्रभावकमंडल बंबईके स्वत्वाधिकारियोंने निर्णयसागर प्रेसमें
रामचंद्र येसू शेडगेके प्रबंधसे छपाकर प्रसिद्ध किया ।
वीरनि० सं० २४४२ सन् १९१६ ।
मूल्य २॥ रुपया.
मा.श्री कैलासलागर मृरि ज्ञान मदिर
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