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* मंगला चरण *
अविनाशी अविकार अरुज अज अव्यावाध अनन्त अधीश ।
अक्षय अजर अमर अद्वेष अतनु को नमस्कार नतशीश ॥१॥ अणुव्रत आन्दोलन-उन्नायक जैन-जगत-आदित्य अनन्य ।
राष्ट्र-पूज्य आचार्य चरण तुलसी को पाकर धरणी धन्य ॥२॥ दशवकालिक आगम का पद्यानुवाद करने के बाद।।
अब उत्तराध्ययन-हिन्दी-पद्यानुवाद करता साल्हाद ॥३॥