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________________ ५५७ ] सणतुकुमारचरिउ । [५५४]. ' तयणु अग्गिम-मग्गि गच्छंतु आइण्णइ महुर झुणि रायहंस-सारसहं संतिय । पेच्छेइ य कुसुम-फल- पत्त-रिद्धि वण-लय विचित्तिय ।। अंभोरुह-रय-पिंजरिय- मलयाणिल-संगेण । पीणिउ नासा-संषुडिण तह अंगोवंगेण ॥ [५५५] __ हंत निय-निय-विसय-उवलंभवावारिण इह वि महतुट्ट एइ चत्तारि इंदिय । रसणा उण थक्क एह एवमेव तण्हा-छुह दिय॥ 'इय चिंतंतउ सलिल-फल- अहिकंखिरु तूरतु । तीर-पइट्टिय-विविह-वणि माणस-सरि संपत्तु ॥ [५५६] तयणु स-हरिस वण-गइंदु व्य आलोडिवि सयलु सरु. रुइ-पमाणु पाणिउ पिएविणु। जा मुंजइ कुसुम-फल । तीर-सिहरि-सिहरहं गहे विणु ॥ अहरिय-नहयर-पुर-असुर- किन्निर-गेय-निनाउ । - ता जिय-सारस-हंस-सिहि निसुणइ महुरालाउ ॥ [५५७] अह - कहेरिसु गीय-उग्गारु निम्मणुय-महाड़यहिं . इय मणम्मि चिंतंतु सायरु ।। ... जा गच्छइ कय-हरिसु अग्गिमम्मि मग्गम्मि तुरियरु ॥ ता तियसासुर-खयर-नर- तरुणहं मणहरणीण । नयण-निमेसिण सुर-बहुहुं वेहम्महं तरुणीण ॥ ५५४, ५, क विचित्तय. ५५५. २. क. तुट्ट. ४. क. इहु. ५५७. ५. क. तरुयरु. ..
SR No.010685
Book TitleSantukumar Chariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages197
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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