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सम्पादकीय
कुछ लिखना मेरी प्रज्ञा के बाहर है पर प्रारम्भिक जानकारी देने का यत्न अवश्य किया है । प्रस्तुत संकलन हेतु मुझे प्रेरणा 'गजेन्द्र स्वाध्याय मित्र मण्डल' के मेरे युवा स्वाध्यायी मित्रों द्वारा मिली। वहां रविवारीय स्वाध्याय गोष्ठियों में आयोजित पारस्परिक चर्चाएँ ही इस पुस्तक का आधार कही जा सकती हैं। प्रातः स्मरणीय महामहिम परम पूज्य अ० वा० ० प्राचार्य प्रवर श्री १००८ श्री हस्तीमलजी म० सा० का उपकार मैं शब्दों में ज्ञापित नहीं कर सकता जिनकी असीम अनुकम्पा एवं शुभाशीर्वाद ने ही हमारे हृदय में सामायिकस्वाध्याय के प्रति कुछ उत्साह व जिज्ञासा उत्पन्न की। गुरुदेव की प्रेरणा व कृपा से ही मुझे कुछ लिखने का बल प्राप्त हुआ
है। कुछ जानकारी भी उन्हीं महामहिम प्राचार्य श्री का ही - कृपा फल है।
. . पुस्तक की पांडुलिपि तैयार करने में मैं अपने अभिन्न मित्र श्री नेमीचन्द बोथरा का सहयोग नहीं भूला सकता। संकलन का अवलोकन कर प्रो० चांदमलजी करावट व श्री सम्पत
राजजी डोसी ने अमूल्य सुझाव प्रदान किये, एतदर्थ आभार :: व्यक्त करता हूँ। ...... .. पुस्तक के इतने सुन्दर व आकर्षक रूप में मुद्रण का श्रेय श्री प्रेम भण्डारी को है। .. अन्त में मुझे यही आशा है कि नवयुवक बन्धु इस पुस्तक को पढ़ कर वीर निर्वाण की २५ वीं शताब्दी के इस मंगल प्रसंग पर अपने जीवन में सामायिक स्वाध्याय की दिव्य ज्योति का आलोक प्रकाशित करेंगे।
-ज्ञानेन्द्र बाफना