________________
किन्तु न्यास कार की यह अपनी उत्प्रेक्षा है। भाष्यकार ने इस प्रकार के. योग विभाग का कहीं उल्लेख नहीं किया है। अपितु वचन रूप से इन दोनों वार्तिकों का व्याख्यान किया है। अतः भाष्यकार का वचन आदरणीय है ।
SR No.
010682
Book Title
Laghu Siddhant Kaumudi me aaye hue Varttiko ka Samikshatmaka Adhyayan