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डॉ0 रामेवर प्रसाद त्रिपाठी, अध्यक्षा दर्शन विभाग, नेशन्न पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, बड़हलगंज गोरखपुर, प्रोफेसर डॉ0 पारसनाथ द्विवेदी, डॉ जयप्रकाश त्रिपाठी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी का मैं हृदय से आभारी हूँ जिनके द्वारा समय-समय पर प्रदत्त प्रोत्साहन मेरे लिए ज्योति-स्तम्भ बन गया ।
श्री गङ्गानाथ झा केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ0 गयाचरण त्रिपाठी जी के प्रति भी मैं कृतज्ञ हूँ जिनकी सदस्यता से मुझे विद्यापीठीय पुस्तकालय की सुविधा प्राप्त हो सकी।
शोध-प्रबन्ध के महगल समापन की पृष्ठभूमि में मेरे पति श्री व्रतदेव पाण्डेय का विशेष योगदान है जिन्होंने मार्ग को सुगम, सरल एवं निष्कण्टक बनाकर गन्तव्य तक पहुंचाया। उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन अपना परम पावन कर्तव्य सम्झती हूँ । इसी के साथ मैं श्री अखिलेशमणि त्रिपाठी, मनोरंजन कर निरीक्षक, इलाहाबाद, यंग साइंटिस्ट पुरस्कार प्राप्त डॉ0 कु0 हरवंश कौर, बेरी, बनस्पति विज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद, श्री कमलेशचन्द्र त्रिपाठी, श्री उमानाथ दुबे, श्री सत्यनाथ पाण्डेय के प्रति भी आभार व्यक्त करती हूँ जिनकी सदभावना परिप्रान्त मन के लिए पाथ्य सिद्ध हुई हैं ।
... अन्त में मैं विभाग के उन गुस्खनों तथा वाताजात शुभेच्छ व्यक्तियों, मित्रों एवं सहयोगियों के प्रति भी हार्दिक कृता हूँ, जिनके आशीवाद एवं सदभावनाओं ने शोध-प्रबन्ध की पूर्णाहुति में मन्त्र का काम किया है। स्वच्छ एवम् रोचक हकण हेतु श्री देवेन्द्र यादव के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करती हूँ।