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जी महाराज, होनहार नवयुवक भी दीपचन्द्रजी भादि इन प्रन्यों में माई हुई सदुक्तियों के द्वारा महाराज श्री की कृतियों को जीवित रूप देकर जनताका कल्याण करते रहें। अन्य सहदय विद्गण भी पूज्य भाचार्य श्री के परिश्रम को सफल बनावें, यही हमारी मंगल कामना है।
विनीतदिनांक १ जुलाई १९६६
(विद्याभूषण) पं० विद्याकुमार सेठी, न्यायकाव्यतीर्थ रिटायर्ड गवर्नमेंट पेंशनर, अजमेर