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________________ पृष्टाकाः पृष्टाङ्काः २०७ २४६ 5A २२६ ३२२ २८३ ... २९ २८८ mr . १०३ م ه १२ . ४० २१८ م ३५ नद्यो वहन्ति (टी.) ननोनुननो ... नभ इव विम ... न भवति भवति न मया गोरसा ... नमस्त्रिभुवना (टी.) ... नयनानन्द ... नवजलधर (टी.) नवनखपदम ... न विद्यया के (टी.) नवीनविभ्रमो नवसावित्री (टी.) : न स शब्दो (टी.) न स संकुचि (टी.) ... ! नानाकारेण का (टी.) नानावासश्चित्र (टी.) ... ४ नानाविभूतिभिः... | नानाव्याकुल ... नानृषिः कविरि... नान्तर्वर्तयति ... . नाभिवादप्र ... नारीणामलसं (टी.) नालस्य प्रसरो ... नालिङ्गितः कुर (टी.) ... नाश्चर्य यदि' (टी.) ... नासतो वि (टी) ... नास्त्यचौरः कवि (टी.)... नांष्ट्रा त्वाष्ट्रारि (टी.) ... ... निअदई ... ... ... निग्गणुदुरारोहं ... ... निग्रहात्स्वसु (टी.) ... निघ्ननाभिसु ... ... निजवर्षाहित (टी.) ... .... नितम्बगुवीं ... ... २१६ नितम्बो मन्दत्वं... निद्रानिमीलि ... निरवधि च (टी.) निर्धातोप्रैः कु ... १२६ निर्घातोल्कापा ... निर्णतुं शक्यः निद्रव्यो ह्रियमे ... | निर्माल्यं नयन ... निर्वाणवैर निर्वाणवैर ... | निर्विभुज्यदश ... निवेदितं नि ... निशितासि रतो (टी.) निश्चीयते (टी.) निःशेषच्युत ... निःश्वासावद ... ३२४ निष्कन्दामर ... निहुयरमणम्मि ... नीलामरश्मि (टी.) नीलाश्मरदिम (टी.) नीलेन्दीवर ... नीविराग्रन्थ (टी.) नृसिंहशूकर नेरिवोत्पलैः ... | नेयं विरौति ... | नोदात्तनायक ... | न्यकारो ह्ययमे (टी.) ३१/न्यश्चत्कुश्चित ... ... ... न्यस्ताक्षरा (टी.) पतौ विशन्तु ... ... २३९ पच्यन्त इव (टी) ... ३३८ | पणयकुवियाण ... ... ३०६ س २६३ ११२ س १२ १७ २८४ .३२७ २४१ २८१ ३१९ १८१ س २ س १७७ १०८ و سه س
SR No.010673
Book TitleKavyanushasanam Satikam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Sharma
PublisherKashinath Sharma
Publication Year1901
Total Pages376
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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