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________________ 298 Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personality and Achievements अब नहिं छुएंगे ऐसो वे कहत हैं । देखो जी काकी यह वीर बनत हैं॥ हेमचन्द्र ने योग का अभ्यास किया था। उसकी इच्छा स्वय निर्विकार रहकर सहधर्मिणी को भी निर्विकार बनाकर योगमार्ग में दीक्षित करने की रही। विवाह के पूर्व हेम और प्रेमी जी के बीच कुछ आन्तरिक विरोध रहा, किन्तु विवाह के बाद ऐसा कुछ नहीं रहा। प्रेमी जी का पिछला जीवन निराकुल और सुखमय हो चला था, परन्तु दुर्दैव से वह नहीं देखा गया और उसने उनके अधखिले पुष्पसम इकलौते पुत्र को अकाल में ही उठा लिया। सद्मत हेमचन्द्र के लिए मुख्तार जी ने हार्दिक भावना भायी है कि उसे परलोक मे सुख-शान्ति की प्राप्त होवे। उसकी सहधर्मिणी तथा बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बने। इस लेख मे यह बात भी अभिव्यक्त हुई है कि प्रेमी जी चाहते थे कि उनका पुत्र हेम दुकान सम्भाले, जबकि हेम ऐसा नहीं करना चाहता था। वह स्वाभिमानी था। मुख्तार जी ने यह सब ज्ञात कर प्रेमी जी को परामर्श देते हुए कहा था प्रेमी जी । "प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्" नीति के अनुसार पुत्र से व्यवहार किया कीजिए। प्रेमी जी पर मुख्तार जी के इस कथन का अच्छा प्रभाव पडा। वे नीति के अनुसार व्यवहार करने लगे और हेम भी उन्हे अच्छा सहयोग करने लगा। इस प्रकार सन्मार्ग दर्शाने में भी मुख्तार जी की अनूठी सूझ रही है। पाँचवा निबन्ध है 'कर्मठ विद्वान् - ब्र. विमलप्रसाद जी'। इस निबन्ध मे मुख्तार जी ने ब्र शीतल प्रसाद को कर्मठ विद्वान् की सज्ञा दी है। उनकी दृष्टि मे ब्रह्मचारी जी जैनधर्म और जैन समाज के प्रगाढ प्रेमी थे। उनकी उसके उत्थान की चिन्ता और लगन सराहनीय थी। वे महान सहनशील भी थे। उन्होने मुख्तार जी के विरोधी लेख लिखने पर भी कभी परस्पर मे मनोमालिन्य तथा व्यक्तिगत द्वेष को स्थान नहीं दिया। मुख्तार जी ने लिखा है कि वे विरोधों, कटु-आलोचनाओं, वाक् प्रहारो और उपसर्गों तक को खुशी से सह लिया करते थे और उनकी वजह से अपने कार्यों में बाधा अथवा विरक्ति का भाव नहीं आने देते थे। एक गुण और धुन के कारण,
SR No.010670
Book TitleJugalkishor Mukhtar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalchandra Jain, Rushabhchand Jain, Shobhalal Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year2003
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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