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Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personality and Achievements
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काव्य मानव जीवन के लिये ऐसा रत्नदीप है, जिसका प्रकाश सदैव अक्षुण्ण बना रहेगा। आचार्य जुगल किशोर जी का नाम मात्र एक 'मेरी भावना' से अमर रहेगा। हम सभी ऐसे सरस्वती वरद् पुत्र को सादर नमन करते हैं।
ग्यान कास्या गुर मिल्या, सो जिनि बीसरि जाइ। जय गोबिंद कृपा करी, तब गुर मिलिया आइ॥
-कबीर (कबीर ग्रन्थावली, पृ. २) क बीर गुर गर वा मिल्या, रलि गया आर्ट लूण। जाति पाँति कु ल सब मिटे , नांव धरोगे कोण॥
-कबीर (कबीर ग्रन्थावली, पृ. २) भली भई जु गुर मिल्या, नहिं तर होती हाणि । दीपक दिष्टि पतंग ज्यूं पड़ ता पूरी जाणि ॥
-कबीर (कबीर ग्रन्थावली, पृ. २)
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