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युगवीर-निबन्धावली अत. हमारे भाईयोको चाहिये कि वे इस खराब रुढिको दूर करनेका शीघ्र प्रयत्न करे, जिससे प्रारभमें ही बालकोको मंत्रमय मांगलिक शब्दोंके उच्चारणका अवसर मिले और उनमे अच्छे संस्कार पडे। इसके लिये पाठशालाप्रोमें जो पाधा लोग पढाते हो उन्हे समझाकर हिदायत कर देनी चाहिये कि वे आगामी बालकोको प्रारम्भमे 'राम सन्त सरस्वती भओं नम. सिद्ध' ऐसा मगलमय शुद्ध पाठ पढाया करे।