SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 598
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६६ ] क्षपणासार [गाथा ३६२-६३ वेदोदयसे चढनेवालेके समान जानना, किन्तु पुरुषवेदोदयवालेके' छह नो कषायके उपशामनाकालसे पुरुषवेदका उपशामनाकाल एकसमयकम दो वलि अधिक है, क्योकि एक समयकम दोग्रावलिकालमें पुरुषवेदके नवकबन्धको उपशमाता है। स्त्री वेदोदयसे श्रेणि चढ़नेवाला स्त्रीवेदकी प्रथमस्थितिको गलाकर तदनन्तर समयमें अपगतवेदी हो पुरुपवेदका अबन्ध होकर अन्तर्मुहूर्तकालके द्वारा सात नो कषायोको एक साथ उपशमाता है तथा सातो हो का उपशमनकाल तुल्य है । यह विभिन्नता है । इसीप्रकार स्त्रीवेदके उतरते समय भी कुछ विशेषता है सो जानकर कहना चाहिए।' संदुदयंतरकरणो संढद्धाणम्हि अणुवसंत से । इथिस्स य अद्धाए संढं इत्थिं च समगमुवसमदि ॥३६२॥ ताहे चरिमसवेदो अवगदवेदो हु सत्तकम्मंसे । सममुवसामदि सेसा पुरिसोदयचडिदभंगा हु ॥३६३॥ अर्थः-नपुसकवेदोदयसे उपशमश्रेणि चढ़नेवाला अन्तरकरणके पश्चात् नपु सकवेदको उपशमाता हुआ भी पुरुषवेदोदयवालेके नपुसक-उपशान्तकालमें पूर्ण नही उपशमाता अत जो अनुपशांत अंश रह जाता है उसको स्त्रीवेद उपशांतकाल में स्त्रीवेद के साथ उपशमाता हुआ सवेदभागके चरम समयको प्राप्त हो जाता है। अनन्तर अपगतवेदी होकर सातकर्मोको एक साथ उपशमाता है। शेष पुरुषवेदोदय सहित श्रेणि चढनेवालेके समान भङ्ग है । विशेषार्थ-पुरुषवेदोदयसे उपशमश्रोणि चढनेवाला पूर्वमे नपुसकवेदको उपशमाकर तत्पश्चात् अन्तर्मुहूर्तकालके द्वारा स्त्रीवेदको उपशमाता है । नपुसकवेदोदयसे चढनेवाला प्रथमस्थितिको करता है । जितना नपु सकवेद व स्त्रीवेद दोनोंका उपशामनाकाल है उतना प्रथमस्थितिका प्रमाण है। प्रथमस्थितिमें नपुंसकवेदको उपशमाना प्रारम्भ करता है। पुरुषवेदवाके जितना नपुंसकवेदका जितना उपशामनाकाल है उतनाकाल बीत जाता है तोभी नपुंसकवेदकी उपशामना समाप्त नहीं होती। १ पुरुषवेदी सवेदी होता हुआ ही सात कषायोको उपशमाता है । (ज. घ. मूल पृ. १९२४) २ रश्यताम् ज. घ. मूल पत्र १६३० । ३. जवधवल मूल पृ. १९२४ ।
SR No.010662
Book TitleLabdhisara Kshapanasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Mukhtar
PublisherDashampratimadhari Ladmal Jain
Publication Year
Total Pages656
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy