________________
समर्पण। १ विद्याके प्रेमी, सत्पथानुगामी, गुणग्राही, शान्त
स्वभावी, परोपकारी, ब्रह्मचारी, अष्टम प्रतिमाके अभ्यासी, जैनधर्मके प्रचारमे सविशेषरूपसे उद्यमी, मान्यवर श्रीमान् त्यागी बाबा भगीरथजी वर्णी के करकमलोमे-- अनेक सद्गुणोमे अनुरक्त अनुवादक के द्वारा श्रीपद्मनन्द्याचार्यको 'अनित्यपचाशत् ' नामक पुस्तकका यह हिन्दी पद्यानुवाद सादर समर्पित हुआ।