________________ RAMA नमः श्रीनेमिजिनेन्द्राय श्रीरत्नसिंहमुनिविरचित प्राणप्रिय-काव्य। (भक्तामर स्तोत्रके चौथे पदोंकी समस्यापूर्ति) जिसे देवरी ( सागर ) निवासी नाथूराम प्रेमीने सरल हिन्दी अर्थसे विभूषित करके श्रीजैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालय द्वारा बम्बइके तेलगु प्रेसमें मुद्रित कराकर प्रकाशित किया / श्रीवीर नि० सवत् 2438 दिसम्बर सन् 1911 ई. प्रथमावृत्ति] [मूल्य दो आना।