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क्यामखां रासा-परिशिष्ट १. ताहिरखाके नामसे ताहिरपुरा । २. रसीदके नामसे रसीदपुरा। फतहपुर किला नवाबोंका स्मारक है ही। अन्य स्मारक इस प्रकार है -
१. नवाब फतेहखा () वीर सेनापति बहुगुनाको जालके पेड़के नीचे दफनाया। वहाँ उनकी का श्राज भी है, पासमें कुआ है, जिसको बोहगुणका कुश्रा कहते हैं।
२. दौलतखा (की) कब किलेके नीचे दक्षिणमें आज भी हिन्दू मुसलमान दोनोंसे पूजित है।
३. नवाब अलीफखाके दफन स्थान पर दौलतखाने ' मकबरा बनाया जो उल्लेखनीय व दर्शनीय-स्मारक फतेपुरसे पूर्वकी ओर है।
४. सं० १६७१में अलिफखाके समय दौलतखाकी देखरेखमें नागौरके शेख महमूदने बड़ी उल्लेखनीय बावड़ी बनाई जो आश्चर्यजनक व दर्शनीय है।
५. सरदारखा (द्वितीयकी) रखेली तेलनका महल किलेमें आज भी तेलनके महलके नामसे प्रसिद्ध है।
६. जलालखांने बीहड १२ कोसकी रखी जिसमें पशु चरते हैं।
परिशिष्ट न० ५
क्यामखानी दीवानोंका वंश-वृक्ष
१. दीवान क्यामखाँ (सं० १४४१से ७५) १. ताजखॉ, २ मुहम्मदखां, ३ कुतबखाँ, ४ इखतियारखाँ, ५ मोमनखाँ ।
२. (सं० १४७४-१५०३) .. फतिहखाँ, २ रूका, ३ फखरदी, ४ मोजन, ५ इकलीमखाँ, ६ पहाड़ा।
३. (१५०३-३१.) 1. जलालाँ , २ हैवतसाह, ३ मुहमदसाह, ४ असदखाँ, ५ हरियासाह, ६ साह मनसूर ७ सेख सबह, ८ बलों, ९ संग्रामसूर, १० हेतम ।
१ इसका परिचय व चित्र फतहपुर परिचयमें प्रकाशित है। २ इसका परिचय व चित्र फतहपुर परिचयमें प्रकाशित है।