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२६-२८
२२४४
तत्त्वानुशासन समन्तभद (स्वामी) १६, ४५, ४९ / सूर्यसागर(आचार्य)सघ
५६, ५८, ६१, ८० / सेनगण समयसार १६, ३२-३४ | सेनगण-पटावली ४६ समाधितत्र
सोम(राजष्ठि ) सर्वार्थसिद्धि
सोमदेवसूरि
३४-४० सांगली
स्वयभूस्तोत्र सिद्धभक्ति
हरिवश (पुराण) सिद्वसागर (क्षुल्लक) ३१ / हेमचन्द्र-कोश सिद्धसेन (पुन्नाटगच्छी) ५७ / हेमचन्दाचार्य २०, २३, २५ सिद्धान्तसेन १५,५३, ५४ / हेमसेन (मुनि,आचार्य)४३,४५, ४८ सुबोधकुमार (बाबू) ४ होगरि(पोगरि) गच्छ १५ सुभाषितरत्नसन्दोह ३०, ५१
६. तत्त्वानुशानकी लक्षणात्मक शब्द-सूची __ अन (ध्यान-लक्षणे) ५८,६२ , जघन्य-ध्याता-ध्यान अद्वैत-दर्शन
जितेन्द्रिय , अपर-गुरु ,
ज्ञान . अहकार
२१,२३ / द्रव्य-ध्येय ६६,११२-११५ - अहंदात्मक-ध्येय
१२३
द्रव्य-ध्येय (प्रकारान्तर) १२६ __ आचार्योवाध्याय-साधु-ध्येय १२७ । द्वैत-दर्शन
१६० आत्मा ६६,७०
५४-५६
धर्म्य-ध्यान उत्तम-ध्याता-ध्यान
धर्म्यध्यान-स्वामी
४८,५० उपादेय-तत्त्व
ध्याता
४४,४६,६८ एक (ध्यानलक्षणे) ५८,६२
ध्याति
६६ चिन्ता (ध्यानलक्षणे) ५८,६२ | ध्यान ४४,५७,६०,६५,६६,६८,६९ चिन्ताऽभाव
१५० / ध्यान-अवस्था
५२