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नागेन्द्रगच्छीय - श्रीमदुदयप्रभसूरिरचित 'संघपतिचरित' अपरनामक
धर्माभ्युदय महाकाव्य
सभाष्यविवृतिसमवेत 'बृहत्कल्पसूत्र' तथा 'वसुदेव हिंडी' आदि
अनेक ग्रन्थ संशोधक-संपादक
दिवंगत मुनिमतल्लिक श्री चतुरविजयजी
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संपादक
विक्रमाब्द २००५]
ग्रन्थांक ४]
तथा तदीयशिष्याग्रणी
जैनागमवाचनाविनिश्चायक विद्वद्वल्लभ
मुनिपुङ्गव श्री पुण्यविजयजी
भारतीय
विद्या
अमृतं न विद्या बबई
भयन
55
प्रकाशक
सिंघी जैन शास्त्र शिक्षापीठ भारतीय विद्या भवन
बंबई
प्रथमावृत्ति, पंचगत प्रति
सर्वाधिकार संरक्षक भा. वि. भ.
[ १९४९ ख्रिस्ताब्द
[ मूल्य रू. ८-८-०