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මුකකම මම
SOS
( १८ )
सरसावा, जि०सहारनपुर
ता. २७-१-३३
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उनके उपयोगार्थ ' सिद्ध-भक्ति' का मूल पाठ भी साथ में लगा दिया गया है, जिससे यथारुचि सभी संज्जन लाभ उठा सकते हैं। आशा है, आत्महितैपी समस्त बन्धुजन' महावीर - सन्देश ' सहित इस 'सिद्धि-सोपान' नामके भक्ति- पाठका भावपूर्वक नित्य पाठ करते हुए अपने जीवनको पवित्र और अपने आत्माको उन्नत बनानेका यत्न करेंगे ।
} जुगलकिशोर मुख्तार
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