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________________ ( ८० ) 8 हैं, तो 'महापरिनिब्बाण- सुत्त' के विषय में ही हम ऐसा क्यों मानें कि उसका मौन इस संगीति के वास्तविक रूप से न होने का सूचक है । अत: 'महापरिनिब्बाणमुत्त' के मौन से हम उस प्रकार का निषेघात्मक सिद्धान्त नहीं निकाल सकते, जैसा ओल्डनबर्ग ने निकाला है, जब कि अनेक ग्रन्थों की भारी परम्परा उसके विपक्ष में है । गायगर और विन्टरनित्ज़' जैसे विद्वानों ने भी इसी कारण राजगृह की भाको ऐतिहासिक तथ्य माना है । विन्टरनित्ज़ ने कुछ यह अवश्य कहा है कि भगवान् बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद इतने शीघ्र इस सभा का बुलाया जाना हम से कुछ अधिक विश्वास करने की अपेक्षा रखता है। इसी प्रकार मिनयफ ने इस सभा की ऐतिहासिकता स्वीकार कर के भी यह स्वीकार करने में कुछ हिचकिचाहट की है कि बुद्ध वचनों का संगायन भी इस सभा की कार्यवाही का एक अंग था ।" हमारी समझ में ये दोनों ही शंकाएँ निर्मूल हैं । भारतीय साधना की आत्मा को यहाँ नहीं समझा गया। अनुकम्पक शास्ता के चले जाने पर उनके 'धम्मदायाद' भिक्षुओं के लिये इससे अधिक आवश्यक और अवश्यम्भावी काय क्या हो सकता था कि वे जल्दी से जल्दी एक जगह मिल कर भगवान् के वचनों की स्मृति करें । ब्राह्मण और क्षत्रिय गृहस्थों ने तो भगवान् के शरीर के प्रति अद्भुत आदर प्रदर्शित किये, चक्रवर्ती के समान उसका दाह संस्कार किया और भगवान् की अस्थियों को बाँट कर उनकी पूजा की । भिक्षु क्या करते ? उनके लिये तो पूजा का अन्य ही विधान शास्ता छोड़ गये थे । उनके लिये तो एक ही उपदेश था । तथागत के अन्तिम पुरुष मत बनो । 'बुद्ध' के वाद 'धम्म' की शरण ली। १. तिब्बती दुल्व की भी परिस्थिति 'दीपवंस' के समान ही है, अर्थात् वहां सुभद्र का प्रकरण नहीं है, किन्तु प्रथम संगीति का वर्णन है । देखिये बुद्धिस्टिक स्टडीज' पृष्ठ ४०-४१ २. पालि लिटरेचर एंड लेंग्वेज, पृष्ठ ९, पद-संकेत ३ ३. इंडियन लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ ४ ४. इंडियन लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ ४ ५. देखिये बुद्धिस्टिक स्टडीज़, पृष्ठ ४३ ६. ये अक्षरशः उद्धरण नहीं हैं। इन भावनाओं के लिये देखिये धम्मदायाद सुत्त ( मज्झिम. १|१|३ ) ; गोपक-मोग्गल्लान सुत्त ( मज्झिम. ३|१|८ )
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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