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________________ विषय. विषयानुक्रमणिका परिचय प्रस्तावना ... विषयानुक्रमणिका. :: योगदर्शन. योगशब्दका अर्थ दर्शनशब्दका अर्थ... .... २ ४ योग आविष्कारका श्रेय ४ आर्य संस्कृतिकी जड मार्थिक योग योगकी ढो धाराये.... योग और उसके सा और आर्य जातिका लक्षण १० ज्ञान और योगका संब न्ध तथा योगका दरजा ११ व्यावहारिक और पार • पृष्ठ. हित्य के विकासकादि ग्दर्शन योगशास्त्र १ १ • विषय महर्षि पतञ्जलीकी - ष्टिविशालता ... आचार्य हरिभद्रकी यो गमार्गमें नवीन दिशा. १९ ६६ .. योगविंशिका सटीक योगवृत्तिका सार योगविशिकाका सार योगसूत्रवृत्ति तथा योगविंशिकावृत्तिमे प्रमाणरूपसे आये हुए अवतरणोका वर्णक्रमानुसारी परिशिष्ट पृष्ठ. उपसंहार . पातञ्जलयोगदर्शन वृत्तिसह १ ५६ ९१ ११४ .... ४६ .. १४ = १३ नं० १ १४ | योगसृत्रवृत्ति और योगविंशिकाटीका में आये हुए अवतरणों का कर्ता और ग्रन्थके नाम निर्देशसं १५ ३८ | बन्धी परिशिष्ट न०२. १४१
SR No.010623
Book TitlePatanjal Yogdarshan tatha Haribhadri Yogvinshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherAtmanand Jain Pustak Pracharak Mandal
Publication Year1922
Total Pages249
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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