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चउपन
सूक्ति त्रिवेणी
२३ चत्तारि अवायणिज्जा
अविरणीए, विगइपडिबद्ध, अविप्रोसितपाहुडे, माई।
-४।३
२४ सीहत्ताते णाम एगे रिणक्खंते सीहत्ताते विहरइ।
सीहत्ताते णाम एगे रिणक्खते सियालत्ताए विहरइ । सीयालत्ताए णाम एगे रिणक्खते सीहत्ताए विहरइ। सियालत्ताए गानं एगे शिक्खते सियालत्ताए विहरइ ।
-४।३
२५ सएग लाभेण तुस्सइ
परस्स लाभं णो आसाएइ.. दोच्चा सुहसेज्जा।
-४॥३
२६ चत्तारि समरणोवासगा
अदागसमारणे, पडागसमारणे। खाणसमारणे, खरकटसमाणे ।
-४।३
२७. अप्पणो णाम एगे पत्तिय करेइ, णो परस्स ।
परस्स णामं एगे पत्तिय करेइ, गो अप्पणो। एगे अप्पणो पत्तिय करेइ, परस्सवि । एगे गो अप्पणो पत्तिय करेइ, णो परस्स।
-४॥३
२८ तमे णाम एगे जोई
जोई णाम एगे तमे।
२६ गज्जित्ता णाम एगे णो वासित्ता ।
वासित्ता रणाम एगे गो गज्जित्ता ।