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सन्मति साहित्य रत्नमाला का ६६ वा ग्रन्थ रत्न
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पुस्तक । मूक्ति त्रिवेणी
सम्पादक उपाध्याय अमरमुनि
विपय
जैन, बौद्ध, वैदिक वाइ मय की सूक्तिया
पुस्तक पृष्ठ तीन खण्ड के कुल पृष्ठ ७८६
प्रकाशक सन्मति जान पीठ, लोहामटी आगरा-२
प्रथम प्रकाशन अक्टूबर १९६८
मूल्य साधारण संस्करण १२) पुस्तकालय सस्करण १६)
मुद्रक
श्री विष्णु प्रिन्टिङ्ग प्रेस, आगरा-२