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वैकालिक की सूक्तियां
१ धम्मो मंगलमुक्किट्ठ, अहिंसा सजमो तवो । देवावित नमसंति, जस्स धम्मे सया मरणो ॥
२. विहगमा व पुप्फेसु दारणभत्तेस रया ।
३. वय च वित्ति लव्भामो, न य कोइ उवहम्मइ ।
४. महुगारसमा बुद्धा, जे भवंति अरिस्सिया ।
५ कहं नु कुज्जा सामण्णं, जो कामे न निवारए ।
६. अच्छंदा जे न भुंजति, न से चाइत्ति वुच्चइ |
७ जे य कंते पिए भोए, लद्ध े वि पिट्ठिकुव्वइ । साहीणे चयइ भोए, से हु चाइ त्ति वुच्चइ ॥
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