________________
वह जिन्दगी ही क्या जो समस्याओ और चुनौतियों से शून्य हो । यदि सभी नमम्याएं चुटकी बजाते खत्म हो जाएं, मव पुनौतियां मिट जाएँ अर्थात् किमी ओर मे कोई चुनौती बाकी हो न बचे, उतार चढाय ने मव तरह छुट्टी मिल जाए तो क्या भादगी जिन्दगी के बनली नुक से वचिन नहीं हो जाएगा? जिन्दनी अनी नौन्दयं इन चारो-उतरावो में ही तो ममाया एमा। ममन्याओं में भने में हो तो व्यक्ति जीवट का आदमी बना। नोषियी मी म्बीनार करने में ही जीवन का मानन्द है। पी से मनच पी माधना प्रारम्भ होती है। मुख-समृद्धि की तिमिल -17, छत-पार करना निर्मर " में
समस्याएं और मुनीतियां जीवन्नना पीरियन में पाना-बाना होगा