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________________ [] जीवन मे कुछ घडियां ऐसी भी आती हैं जो हमारे जीवन की दिशा-निर्धारण करने में निर्णायक होती हैं । सम्पूर्ण जीवन के लिए जो रोशन मीनार का काम दे जाती है । जीवन को प्रकाश एव प्रसन्नताओ से भर देती हैं । खुशियो के फूलो से दामन भर देती हैं । सन्त पुरुषो के श्री चरणो मे व्यतीत की गई चन्द घडियाँ ही हमारे जीवन को प्रकाशित रखने के लिए पर्याप्त हैं । ये ही घडियाँ हमारे जीवन की दिशा-निर्धारित करने मे सहायक तथा निर्णायक होती हैं । ये ही वह क्षण हैं जब हमारा जीवन दिशावोध प्राप्त करता है । सही अर्थों मे एक बार दिशा-बोध की सम्यग् सम्प्राप्ति हो जाने पर फिर जीवन मे भटकाव नही रह पाता । भटकन समाप्त हुई कि जीवन उत्कर्ष की ओर वढ चलता है । फिर अभ्युदय तथा नि श्रेयस के द्वार उद्घाटित होने मे विलम्व नही लगता । इसलिए जीवन की निर्णायक घडियो को पहिचानना सीखिए । O ४ | चिन्तन-कण
SR No.010612
Book TitleChintan Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Umeshmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1975
Total Pages123
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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