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________________ ३२] मुंहता नैणसीरी ख्यात महाराजा श्री अनूपसिघजी चंद्रावत रुखमांगदजीरा दोहितरा। मा ____ रो नाम रांणी श्री कसतूरदेजी। पीहररो नाम इंद्रकुकर । महाराजा श्री सुजाणसिघजी, राजावत श्री अमरसिंघजीरा दोहीता। मा रो नाम रांणी श्री चंद्रकुंवरजी। महाराजा श्री जोरावरसिघजी, रांणावत इद्रसिघजीरा दोहीतरा। ___ माजी रो नाम रांणीजी श्री रतनकुवरजी। महाराजा श्री गजसिंघजी, सेखावत सांवतसिंघजीरा दोहितरा । माजी रो नाम राणी श्री अतभागदेजी। पीहररो नाम व्रजवरजी। महाराजा श्री सूरतसिंघजी, कछवाहै रायसिंघजीरा दोहितरा। माजी रो नाम राणीजी श्री गाहिड़देजी। 1 महाराजा घी अनूपसिंहजी रुक्मागदजी चन्द्रावतके दोहिते । माताका नाम रानी पी कस्तूरदेवीजी और पीहरका नाम इन्द्रकुंवरि। 2 माताजीका नाम रानी श्री अति भाग्यदेवीजी । पीहरका नाम ब्रजवरजी।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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