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________________ { ૨e मुंहता नैणसीरी ख्यात संमत १२१२ श्रावण सुदि १२ मूळ नक्षत्र भाटी जेसळ जेसळमेर वसायो संमत ८०२ वैसाख सुदि ३ वनराज चावड़े पाटण वसायो।' संमत १११५ कमास दाहिम नागोर वसायो । समत १५७६ रावळ जांम नवोनगर वसायो। संमत १४५२ वैसोख वदि ७ देवड़े सहसमल सिरोही वसाई। अथ वात राव सीहोजी (रै वंश )री सोहेजीरो अंतेवर सोळंकणी, सिद्धराव जैसिघदेरी बेटी । तेरो बेटो पासथांन-१। दूजो वीमाह चावड़ी सोभागदे मूळराज वाघनाथोतरी बेटी। जिणरै बेटो-अज-१, सोनग-२ । आसथांनजीरै संणी उछरंगदे ईदी, बूढ मेघराजोतरी बेटी । तिणरा' बेटा-१. धूहड़-१, १ धांधळ-२, १ चाचग-३ । धूहडजीरी रांणी द्रोपदा चहवांण, लखमसेन प्रेमसेनोत्तरी बेटी । तैरै बेटा-१. रायपाळजी १, १ पीथड-~~-२, १ वाघमार---३, १. कीरतपाळ-४, १ जगहथ-५ । रायपाळजीरै अतेवर रांणी रतनादे भटियांणी रावळ जेसळ दुसाझोतरी बेटी । तैरा बेटा-१ कान्ह १ । १ साडो २ । १ लखमणसेन ३ । १ सहणपाळ ४। कान्हरो अंतेवर किल्याणदे देवड़ी। सलखा लूभावतरी वेटी। तैरा बेटा-१ राव जालणसी १ । वीजैपाळ २ । वनराज चावडाने वि० सवत् ८०२ वैशाख शुदि ३को 'अरणहिलपुर-पट्टन' बसाया। यह नगर सरस्वती नदीके किनारे पर उत्तर गुजरातमें बसा हुआ है। यह कभी 'पीरानपाटण' भी कहा जाता था। अब तो केवल 'पाटण' नामसे ही प्रसिद्ध है। 2 सम्वत् १११५में फैमास दाहिमाने नागोर बसाया। [एक प्रतिमे १२१५ सम्वत्मे बसाया जाना लिखा है। 3 आधुनिक जामनगर । 4 पत्नी, अन्त.पुर। 5 दूसरा विवाह मूलराज वाघनायोतकी पुत्री सौभाग्यदेवी चावडीसे हुआ। 6 जिसके। 7 उसके। 8 उसके ।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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