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मुंहता नैणसीरी ख्यात कोटीचीरै सात बेटा हुवा । तिकांरा नाम१. सिखरो।
५. लाखो। २. रोय धवळ।
६. ........... ३. ऊदो।
७. ............ .........। ४. राजो।
एक दिन राय धवळ नै ऊदो नीसरिया हुता, रामत करता। जंगळ माहै रमता-रमता गया। ताहरा एक वघेरो दीठो। ताहरां लारै छोकरा हुता, तियां कह्यो-'यो किसो जिनावर छै ? तद उवा देखता सीह ऊठण पायो नही । ईंयां जाय कांनाहू पकड़ियो। पछै खाचियां-खांचियां गवाड" माहै ले आया। खूटो रोपनै बांधियो। छोडियो ताहरां लोक दीठो–'जु पो तो नाहर छै ।” ताहरां माणसै कहियो -जु रावळजीरो वचन साचो हुवो, जु ईयै रजपूतांणीरै पेटरा इसा हुसो, सु साच हुई।'
हिवै बहेलवै11312 महेवै18 बीच झोटेळोव14 तळाव छ । तिण माहे1: एक झोटिंग रहै। दिन अस्त हुां पछै जिको17 तळाव ऊपर कर नीसरै, तिणन18 मारै । यू करता एक दिन जगमालजीन19 रावळ मलीनाथजीरो बोल: याद आयो-'जु ईयै रजपूतांणीरै पेटरो हुसी सु दैतां-भूतासू लडसी ।1 सु सिखरैरी परीक्षा कीजै । ___ चादणी चवदसरो दिन छ । सनि आदित्यवाररी सध छै ।23 ऊपर झड़ मंडियो छै । 4 सिणफिण मेह वरसै छै । जगमालजी
I एक दिन रायधवल और ऊदा खेलते-खेलते बाहर निकल गये। 2 तब एक बघेरा देखा। 3 उनके पीछे जो छोकरे थे, उन्होंने कहा कि यह कौनसा जानवर है ? 4 इन्होने जाकर उसे कानोंसे पकड लिया। 5 गवाड= (१) वाडा (२) मोहल्ला, गली। 6-7 छोडा तव लोगोंने देखा कि यह तो नाहर है। 8 तव मनुष्योने कहा। 9 इस राजपूतानीके पेटके ऐसे (वली) होंगे, सो सच हुई। 10 अब । II एक गावका नाम । 12 और 13 एक गावका नाम । 14 एक तालावका नाम । 15 उसमे। 16 धने वालो वाला एक काला और दृढ भूत। 17 जो। 18 उसको। 19 जगमालजीको। 20 वचन। 21 इस राजपूतानीकी कोखसे जो उत्पन्न होगा वह दैत्यो और भूतोसे लटेगा (लटने वाला होगा।) 22 शुक्ल पक्षकी चौदसका दिन है। 23 शनि और रविवारकी सघि (मध्य) है। 24-25 ऊपर वर्षाकी झड़ी लगी हुई और थोडा-थोडा मेह परम रहा है।