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________________ २२२ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात २४. जेसळ १, विजैराव लंजो २, विजैराव लांजे लुद्रवै राज कियो वरस २५ । - विजैरावरा बेटा भोज १ 2 राजसीरो बेटो [रा]हुड़ | तैरी साख हुई । " विजैरावरी बेटी 3 लांग १, लाछ २, तिकै सगतियां हुई । २५. रावळ दुसाझ १, सिंघराव २, वापै रावरा पाहु-भाटी कहीजै । 4 5 उणंग रावरा भाटी ही ज वाजै । गांम गुड़ै । सिघरावरा सिंघराव वाजै । गांम खूहड़ी । फूलियो उतन सदामदसू । * मूळपसाव ३, उणंग ४, 2 राजसीका वेटा राहुड जिससे I विजयराव लजेने लोद्रवेमे २५ वर्ष राज किया । हडिया शाखा निकली । 3 विजयरावके दो पुत्रिया हुईं जो दोनो शक्ति रूप हुई । 4 वापा रावके वंशज पाहू -भाटी कहलाते हैं । 5 उरणगरावके वशज गुडा गावमे हैं और वे नाटो हो कहलाते हैं । 6 सिंहराव के वशज सिंहराव कहलाते हैं और गाव खूहडी में रहते हैं, परन्तु फूलिया गाव इनका सदामदने वतन रहा है । * यह वंशावली श्रशुद्ध, आगे पीछे और अस्पष्ट है । पहले की वशावलियोसे मेल नही खातो
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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