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________________ ८४ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात १४० मारिया नै ऊमरकोटरो कोट पाउनै ईंटां जेसळमेर ले गया तिणरो करणरो मोहल करायो देवीदास रावळ' । रावळ देवीदास चाचावत' सारीखो कोई रावळ जेसळमेर .. प्रतापवळी हुवो नहीं । पाखतीरा सारां देसोतांनूं छरा लगाई। रावळ देवीदासरा बेटा१४ रावळ जैतसी। १४ कुंभो। १५ जगमाल । १६ सातळ । १७ देवराज सातळोत । राव रिणमल राव चूंडारा वैर मांहै ... धणलै थकां मारियो । १६ सीहो जगमालरो' । पातळ तोगावत जेसळमेर चाकर छ, खींवलो गांव खावै छै । वींझोराई सांगड़नै । भाटी केसोदास भारमलोत ठरडै पोकरणरै रहै । रांम रावळ देवीदासरो11। तिको रावळ हापारै परणियो हुतो, तिण परसंग रामरो बेटो संकर महेवहीज रह्यो । जोधपुर पिण संकर चाकर रह्यो हुतो । कहै छै सोझतरो आंबो राम, संकररै पटै हुतो' । अांक १४ । १५ संकर महेवचीरा पेटरो । १६ खींमो। १५ सांवळ । १६ महेस । १६ ऊदो। १६ सूरो। खीमा संकरोतरो परवार ७ . ___ I गिरा करके। 2 रावल देवीदासने उन इंटोंसे करणेका महल बनवाया। 3 चाचाका पुत्र। 4 समान । 5 पड़ौसके सभी राजाओं पर उसने अपनी धाक जमाई। 6 देवराज सानलका बेटा, जिसको राव रिणमलने राव चूंडाकी शत्रुतामें, जब वह धरणले. गांवमें था, मार दिया। 7 जगमालका बेटा सीहा। 8 तोगाका वेटा पातल जैसलमेर में चाकर है, खींवला गांव उसके पट्टे में है। 9 सांगड़के पट्टेमें वींझोराई गांव । 10 भारमलका .. बेटा केशोदास पोकरणके ठर में रहता है । II रावल देवीदासका पुत्र राम। 12 इसका विवाह रावल हापाके यहां हुआ था। 13 इस प्रसंगसे रामका वेटा शंकर मेहवे (ननिहाल) में ही रह गया। 14 शंकर जोधपुर में भी चाकर रहा था । 15 कहा जाता है कि राम और उसके बेटे शंकरको सोजत परगनेका प्रांवा गांव पट्टेमें दिया हुआ था। 16 रामका बैठा दशंकर मेहवचीकी कोखसे उत्पन्न। 17 शंकरके बेटे खीमाका परिवार ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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