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मुंहता नैणसीरीः ख्यात
[५५ · नहीं नै भाटी दूदो तिलोकसी जसहड़रा बेटा पारकर रैहता, सु झै
है तो खबर नहीं ।" तरै जगमाल उठै उतरियो', नै प्रागै खबर करण→ आदमी २ मेलिया तिकै जाय देखै तो दूदो तिलोकसी छ । सु इणे ठाकुरै जगमालजीनूं जुहार कहाड़ियो नै कह्यो-“मांहरो गढ़ थो, म्हे लियो ।" तरै आदमियां पछै जगमालनूं कह्यो । तरै जगमाल वळे कहाड़ियो-"जु गाडा ३०१ सीधारा म्हारा छ, सु उरा द्यो'।" तरै दूदै तिलोकसी कह्यो-"त्रै तो म्हे लिया । थे म्हारा गाडा जांणो तठारा लेज्यो ।. जगमाल पाछो आयो। नै रावळ दूदो पाट बैठो, सु दूदो पण वडो औनाड़' हुवो नै रावळ मूळराज, रांणो रतनसी जसळमेर नेम घातियो', तद दूदै पण नेम घातियो थो, तिका वात मूळराज रतनसीरी वात मांहै लिखी छै । सु एक दिन रावळ दूदो आरीसो जोवतो श्रो. सु पळी १ दाढी माहै दोठी तरै मूळ राज रतनसी भेळो नेम लियो थो सु दूदायूँ नेम चीत पायो । तरै रावळ मन-मांहै जांणियो जु-"जरा तो नेड़ी आई15; यूंही मर जाईजसी'; किणीक सूल नाम रहै तिका वात कीजै ।" तरै तिलोकसीनूं कह्यो, तरै तिलोकसी कह्यो-“भली वात छै ।" सु रावळ दूदै वरस १० मास ..दिन ७ राज कियो। दूदै तिलोकसी पातसाही धरतीरा बिगाड़ करणा मांडिया, सु रावळ दूदो तौ गढ़में रहै नै तिलोकसी च्यारूं ही तरफां पातसाही धरतीरो रोज बिगाड़ करै, सु कांगड़ो बलोच मारे नै घणी घोड़ियां प्रांणी । बाहेली गूजरांरी थाट भेंसियांरी लाहोर कनैथा प्रांणी। सोनारो मथांण ले आयो। पातसाहरै पाणीपंथा घोड़ारी सोबत आवती थी सु मार ली। मैं तो वड़ा विगाड़ किया नै
____ I सो ये हों तो पता नहीं। 2 तब जगमाल वहां ठहरा । 3 भेजे। 4 वे। 5 सो इन ठाकुरोंने जगमालजीको प्रणाम कहलवाया। 6 दूसरी बार । 7 सो दे दें। 8 ये तो हमने ले लिये। 9 तुम हमारी गाड़ियां चाहे जहांसे ले लेना। 10 अनम्र, जबरदस्त । 1 नियम धारण किया था। 12 देखता था। 13 सफेद वाल । 14 याद । 15 बुढापा तो निकट आया। 16 यों ही मरना हो जायेगा। 17 किसी भी प्रकार नाम रह जाय वैसी बात की जाय।
18 सो कांगड़ा बलोचको मार करके बहुतसी घोड़ियें ले आया और बाहेली गूजरोंकी भैंसियोंका .. समूह लाहोरके पाससे ले आया। 19 उनकी सोनेकी मथानी ले पाया। 20 बादशाहरू ___ लिये (पानीपंथा) पवनवेगी घोड़ोंको सोहबत आ रही थी उसे भी मार कर खोस लिया।
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