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________________ मुंहता नेणसोरो ख्यात [ ३२५ बीहता कितराइक दिन रहस्यो' ? हूं मोहिल परणीस' ।' ताहरां राव कासूं करें ? बेटो न रहै । टीकाइत बेटी सपूत # । ताहरां रावजी हुकम कियो- 'पधारो ।' ताहरां रजपूत एकठा करनै हालणरी तयारी कधी ' । ताहरां राव कन्है मोर घोड़ो मांगियो । ताहरां राव कहै - 'तूं घोड़ो जांणां राखसी नहीं । का गंवाड़ीस, का केहेनूं दे प्राईस । तूं घोड़ो मतां को- 'हूं घोड़ो म्हारै जीव हूं सोहरो राखीस ' ले जावै ' ।' ताहरां 8 ' ताहरां राव कन्हा 0 I घोड़ो लियो' । केसरिया करें सादौ कुंवार परणीजण चढियो " | आई छापर पहुंतो । मोहिल परणियो । रां मांणकरावरै सादो मांणकरावरै परणियो । गढ द्रोणपुर वीवा करण न दियो । सु भाटियांणी रावळ केहररी बेटी हुती, सु जोरावर । ताहरां प्रोडींटमें व्याह मांडियो | रांगै खेतैरी दोहीतरी, रांणा मांणकरावरी बेटी सादूळ भाटीनूं परणाई 2 । 3. 4 ताहरां मोहिले को - ' चढो । आदमी राखो, सु सेजवाळो ले श्रावसी । एथ राठौड़ नेड़ा है। थारे वर छे । थे चढि खड़ो " ।' ताहरां सादूळ कहै-"हूं परवाह देने पर्छ साथै चढ़ीस | एकलो चढ़ 2. मैं मोहिलानी से विवाह करूँगा । 1 राठोड़ोंसे डर कर कितने दिन रह सकेंगे ? 3/4 सुपूत टीकायत वेटा रहा, वह जब नहीं मानता तो राव क्या करे ? 5 तब राजपूतोंको 6 उस समय रवसे मोर नामका घोड़ा मांगा । इकट्ठा कर के चलने की तैयारी की । 7. तब राव कहता है कि मैं जानता हूँ कि तू घोड़ा रख नहीं सकेगा । या तो खो देगा या किसी को दे आएगा | 8 मैं घोड़को मेरे जीसे भी अधिक आरामघोड़ा मत लेजा । यह 10 केसरिया वस्त्र पहिन कर के सादूल पूर्वक रखूंगा । 9 तब रावसे घोड़ा ले लिया । II था कर के छापर पहुँचा और राना मारणकराव के कुँवर विवाह करनेको रवाना हुआ । 12 रावल केहर की बेटी भटियानी माणकरावकी यहां मोहिल पुत्रीके साथ विवाह किया । स्त्री बड़ी जोरावर, उसने इस विवाहको नोडींट गांव में किया । 13 राना माणकरावकी 14 तब मोहिलोंने पुत्री जो राना खेताकी दोहीती थी, सादूल के साथ ब्याही गई | कहा – “तुम रवाना हो जानो । श्रादमियोंको पीछे रख दो सो वे मोहिलकी पालकी अपने साथ ले लायेंगे । यहां राठौड़ नजदीक हैं । तुम्हारा उनसे बैर है अतः तुम चढ़ कर पहिले रवाना हो जाओ ।"
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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