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मुंहता नैणसीरी ख्यात भर पळी हुवो' । ताहरां रावजी हुकम कियो-'घिरत मुंजाईमें ईयै पळी सौं पुरसो । प्राधो पुरसै तो सुवार सभा दीजै । भरियो पुरसणी रजपूतनूं ।' ईये भांत राव चूंडोजी राज करै।
एक दिन अरड़कमल चूंडावत भैसैनूं घाव कियो । भैतरा दोय. टुकड़ा किया। ताहरां सहु कोई ठाकुर कहण लागा-'वाह घाव कियो । ताहरां रावजी बोलिया-'कातूं घाव कियो ?' पसू बांधने घाव कियो। इसो घाव जो राव रांणंगदेनूं अथवा सादै कुंवरन कर तो जांण घाव कियो' । मोनू भाटी खटकै छै । इयां गोगादेजी विष्टकारी दी हुंती, सु मोनूं दूखै छै ।' ताहरां अरड़कमलजी मनमें जांण रह्यौ । बोलियो नहीं । युं करतां कितरेहेक दिन सादै कुंवर अरड़कमलजी मारियो।
तै ऊपर राव रांणंगदे मेहराज सांखलो मारियो । तै ऊपरा मेह. राजरो भांणजो सोमो राकसियो राव चूंडेजी जाय पुकारियो ।
कह्यो-'सौ घोड़ा, सौ वोमाह देवां ।' ताहरां राव चंडोजी चढिया। जायन पूंगळ कनारै राव रांणंगदे मारियो । ताहरां रांणंगदेन मार माल लूटि अर13 नागोर प्रायो।
ताहरां मोहिलरै वेटो जायो, सु चूंटी न ' | ताहरां रावजीनूं खवर हुई । ताहरां कह्यो-'मोहिल कंवरनै चूंटी क्युं न दो ?' कह्यो'जी, रिणमलनूं विदा देवो तो बूंटी देऊ ।' ताहरां रिणमलनूं
I तव रावजीने नागोर पा कर उस पळीको तुलवाया तो वह पच्चीस पैसे भर नाप की हुई। पच्चीस पैसोका तोल ४५ तोलोंके लगभग होता है। एक पैसा जो डब्लूसाई पैसा भी कहलाता है, लगभग पौने दो तोलेका होता है। 2 भुंजाई में घी इस टीपरेने परोसा जाय। 3 यदि सुवार (सूपकार) अाधा टीपरा परोसे तो उसको सजा दी जाय। 4 एक दिन घरड़कमल चूंबादतने एक भैसे पर प्रहार किया। 5 तव सभी ठाकुर कहने लगे-'बहुत अच्छा प्रहार किया।' . . . 6 तव रावजीने कहा-'यह क्या घाव किया ?' 7 'ऐसा घाव यदि राव राणंगदे अथवा सादेकुंवर पर करे तो घाव किया जाना जाय । 8 इन्होंने गोगादेजीको अपशब्द कहे थे (ताना . मारा था) सो मुझे संल रहा है। 9 जिस पर राव राणंगदेने मेहराज सांखलाको मार . . . दिया। 10 जिस पर मेहराजके भानजे सोमा राकसियेने राव चूंडेसे पुकार की। 11 उसने : कहा-सौ घोड़े देंगे और (तुमारा तथा तुमारे लोगोंके साथ) सौ विवाह कर देंगे। 12 निकट । ... . 13 और । 14 तब मोहिल रानीने पुत्रको जन्म दिया सो वह उसे जन्मधुट्टी नहीं देती है-1.. . 15 रिणमलको निकाल दें तो जन्मबूटी हूँ।