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मुंहता नैणसीरी ख्यात सोबत पाई । सु सोदागरां कनां घोड़ा खोस लिया । घोड़ा रजपूतांनूं वकस दिया । एक घोड़ो आप राखियो । पुकार दिल्ली गई। .... अहदी आयो। घोड़ा ल्यावौ । मालैजीनूं जोर पड़ियो । घोड़ा मांगी। ताहरां मालैजी अादमी मूकिया। कह्यो-'चंवडा घोड़ा ल्याव ।' ताहरां कह्यो-'घोड़ा तो बैंच दीवा' ।' घोड़ो एक हुतो सु कह्यो'यो छै, लीय जावो ।' ताहरां मालजीनं खबर दीनी। घोड़ा नहीं। ताहरां मालैजी घोड़ा सीलिया । अर कह्यो-'चांवडो देसमें रहण न पावै ।' ताहरां चंवडो इंदावटी आयो । ईंदा कनै रहै । अठै साथ कियो। साथ कर नै डीडवांणो मारायो । द्रव्य ले पायो ।
हिवै मंडोवर राज तुरक करै । ताहरां मंडोवररै धणी घास एकठो करावणो माडियो । ताहरां कह्यो-'गांम-गांम" दोय दोय घासरी गाडी मंगावो' ताहरां इंदोरै गांम घास मंगाजै। ताहरां ईंदां... कहो-'ल्यावां छां ।' ताहरां ईंदै चंवंडैनूं कह्यौ-यांपै मंडोवर लेस्यां ।' ताहरां कह्यौ-'भला ।' ताहरां रजपूत सरब एकठा हुवा । मंत्र कियो" । ताहरां च्यार-च्यार ठाकुर गाडी मांहै बैठा । एक खाड़ेती हुवो18 । एक एक आदमी गाडीरै कनारै हुवो" । हथियार .. सिगळांरा20 गाडियां माहै राखिया अर गाडियां चलाई। पाछले पोहररी21 गाडियां आई अर' गाडियां कोट माहै पैसण लागी ।.... भारा बे-बे गाडा माहै घास हुतो । एक मुसलमान दरोगो हुतो, . . I कितनेक दिन बीत गये, तब एक दिन एक घोड़ोंका काफिला वहां आया । 2 सौदागरोंके ... पससे घोड़े खोस लिये । 3 सभी घोड़े राजपूतोंको बाँट दिये। 4 मालाजी पर दबाव डाला गया। 5 घोड़े मांगे जा रहे हैं। 6 तब मालाजीने आदमी भेजा। 7 घोड़े तो बांट दिये। 8 तव मालाजीने घोड़े प्रतिदानस्परूप दिये। 9 पीर कहा-चूंडा देशमें नहीं रहने पाये। 10 तब चूंडा वहांसे ईदावाटीमें आ गया। I यहां उसने अपना संगठन वनाया और डीडवानाको लूटा और मालमत्ता ले पाया । 12 इस समय मंडोरमें तुर्कोका राज्य है। 13 तव मंडोरके स्वामीने घास इकट्ठा कराना शुरू किया। 14 प्रत्येक गांवसे। 15 लाते हैं। 16 तब ईन्दोंने चूंडाको कहा-'अपन मंडोर लेंगे। 17 परामर्श किया। 18 एक हांकने वाला बना। 19 एक-एक आदमी प्रत्येक गाडीके किनारे. (साथ में) होकर चला। 20 सबके ।: 21 पिछला प्रहर। 22 और। 23 प्रवेश करने लगीं। 24 प्रत्येक गाड़ेमें दो-दो भारे घास भरा हुंग्रा । भारा - घासका बड़ा भार, 'वंडल। .. ... . . . . . ... .... ..