________________
मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ २५१ सु जाड़ेचो साहिब सासरियांसू सीख करने ‘हालतो थो। रात - पोहर १ वांसली थी, सु सासरिया हालण दै नहीं । कह्यो-'सीरांवणी ...' करावां छां । राज सीरावणी अरोगनै पधारो ।' तरै साहिब तो रहतो न थो, पण सासरियां माडां राखियो ।
परभात हुवो तरै साहिब अमल करनै फराकत तळाव पधारिया', सु साहिब आप घोड़े असवार हुवो छै। मुंहडै आगै माणस ५०१ पाळा-तरवारिया गिरिया साथै छ । तळावरी पाळ' पांणीरी तीर पूगा'", तितरै पैली कांनी साथ आवतारी बरछी झळकी सु दीठी । तरै खवर कराई। तितरै रायसिंघ ही आय भेळो हुवो । अणी मिळी । अठे वेढ निपट सखरी हुई। रजपूत रजपूतारै मुंहडै
आया। रायसिंघ नै साहिब मांहोमांही बाजिया। रायसिंघ . साहिबनूं मारियो । रायसिंघनूं पण साहिबरै हाथरा पूरा लोह लागा। . रजपूत बेहांईरा घणा काम आया" । छोकरो १ पाछो नायो । झालो रायसिंघ एकण खांनहड़ी माहै पड़ियो थो, सु जोगिये उपाड़ियो । पाटा बांधिया । रायसिंघ तो जीवियो । साहिब नै साहिबरो साथ, रायसिंघरो साथ काम आयो, आ वात जाड़ेचारै कटक सुणी तरै कटक पाछो गयो।
___I सो जाड़ेचा साहिब अपनी ससुराल वालोंसे आज्ञा प्राप्त कर रवाना हो रहा था। ... 2 'उस समय पिछली एक प्रहर रात शेष थी। 3 अतः ससुराल वाले उस समय प्रस्थान
करनेकी आज्ञा नहीं देते । 4 मनुहार कर के कहा-कलेवेकी तैयारी करा रहे हैं। 5 श्रीमान् कलेवा अरोग कर पधारें। 6 परंतु ससुराल वालोंने हठात् रोक कर रख लिया। 7 प्रभात हुआ तब अफीम ले कर के शौच-निवृत्ति के लिये साहिब तालाब पर गया। 8 उसके पागे-मागे तलवार धारण किये हुए ५०१ योद्धा साथमें चल रहे हैं। 9 ऊंचा किनारा, कगार। 10 पहुंचे। II इतनेमें दूसरी ओरसे आती हुई सेनाकी बरछियाँ चमकती · हुई देखीं। 12. इतने में रायसिंह भी आ पहुंचा। 13 दोनों सेनाएँ आमने-सामने हुई।
- . 14. यहां बहुत . जबरदस्त लड़ाई हुई। सखरी = अच्छी। 15 दोनों ओरके रजपूत एक...... दूसरेके सामने या कर भिड़े। 16 रायसिंह और साहिब परस्पर भिड़े। 17/18 दोनों
पोरके सभी रजपूत काम आ गये । एक छोकरा भी वापिस नहीं पाया। 19 झाला राय1 . सिंह एक खड्डेमें गिर पड़ा था, उसे योगियोंने उठाया। 20 घावों पर पट्टे बाँधे ।