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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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धोळहर डेरो कियो । जसानूं ग्रादमी मेलन कहाड़ियो' - 'हूं ग्रायो छू । राज तयार हुय रहीजै । ग्रां परभातरा वेढ करस्या' ।' जसो पण ग्रापरा साथसूं तयार हुवो छै । वीजो दिन हुवो तद रायसिंघ ग्रापरा साथसूं चढ आयो । जसो पण ग्रापरा साथसूं चढ ग्रायो । गांवरा मुंहडा आगे तळाव छे, तिरै पार्छ मैदान छै । तठे वेऊ कांनीरो साथ प्राय चढियो छ । ग्रणी मिळिया छे । वेढ भली भांतसूं हुवै छै । वेऊं कांनीरो साथ पागड़ा छाडिया पाळो थको विढे छै' । तिण मांहै जसो असवार २०० सूं प्रापर साथ मांहै चढ़ियो ऊभो तमासो जोवै छै । तरै रायसिंघ दीठो ' - 'जु म्हारो साथ थोड़ो नै जसारो साथ घणो, जु काइ घात करूं ।'
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रायसंघ ग्रादमी मेलनै - " जसारी खबर कराई - 'जु कठै छँ, किसी आणी मांहै छै ' ' ?' सु प्रादमी खबर ले पाछो ग्रायो | कह्यो - 'पैली कां सांन (छान) साथ चढियो ऊभो छै, तठे छै ।'
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तरै रायसिंघ आपरा साथ मांहै भलो रजपूत, भलो घोड़ो थो त्यां मांहै टाळनै असवार ४०० लेन जसो ऊभो यो त जसा ऊपर तूट पड़ियो । जसो निपट ससवो वो " । जसारो साथ भागो । जसा रायसिंघरो घणो साथ कांम प्रायो । खेत रायसिंघरै हाथ आयो ।
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पछे गांव हल्लो कियो । तरं रावसिंघरी बहन जसारै घर हूंती सु ग्राडी फिरी । कह्यो - 'थे घणो ही कांम कियो, गांव मोनूं कांचळीरो बगसो ।' तर गांव मारियो नहीं" । नै प्रापरो साथ खेत पड़ियो थो, सु संभायने हळोद पाछा श्राया' 1
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I जसाको आदमी भेज कर कहलवाया । 2 अपन कल प्रात: लड़ाई करेंगे । वहां पर दोनों घोरकी सेनाएँ चढ़ आई हैं । . 6 दोनोंकी
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3 दूसरा । 4 मुंह, साम्हने । सेनाएं ग्रामने-साम्हने हो गई हैं 7 दोनों प्रोरकी सेनाएं अपने-अपने वाहनों को छोड़ कर पैदल युद्ध कर रही हैं । 8 तव रायसिंहने देखा । 9 इसलिये कोई आक्रमण करनेकी घात करूं । 10 भेज कर । II वह कहां और कौनसी अनी ( टुकड़ी) है. 12 जया बड़ी सरलतासे मार दिया गया । 13 रायसिंहको विजय हुई | 14 तुमने.. बहुत अच्छा काम किया, अव यह गांव तो मुझको कंचुली के रूपमें वख्शीश करदो । IS तब गांवको नहीं लूटा | 16 और अपने सैनिक जो युद्ध भूमिमें काम या गये थे, उनकी श्रन्त्येष्टि करके हलवद लौट आया ।