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मुंहता नैणसीरी ख्यात ... गांवमें स्याणा था त्यांनूं पूछियो, कह्यो-"कोई उपाव करो, जिणसू प्रो जीवै ।" तरै किणही कह्यो-"काइक वड़कंवार वेटी वरस १५ तथा १६ री बैर हुवै तिका जो च्यार पोहर छातीतूं लगाय सोवै तो वाहुई। बीजूं तो जीवै नहीं।" तरै मोनू कह्यो-"बेटा ! तूं इणनूं संभायनै सावचेत कर।" तरै म्हें कह्यो-"यूं तो मोनूं दोखण' लाग, नै मोनूं इसड़ो थको ही परणावो तो हूं इणरै हाथ लगावू, मुंवो तो छै हीज, जो कदाच जीवै तो माहरो भाग, ज्युही. हूणहार छ, त्युही . हुसी।" तरै इणहीज हवाल परणाया', नै मैं थारी चाकरी कीवी । परमेसर आछी कीवी, आपरा दिन ऊभा, नं मोनूं जस आवणहारं । रात पोहर १ रही तरै थांहरो चेतो बाहुड़ियो। तरै थे मोनूं पूछियो"तूं कुण ? तरै पा सारी हकीकत मांडनै कहीं।" तर फूल उणसू बहोत राजी हुवो। ___ जमलारी बेटीसूं अठ बोहत रंग-रास हुवो । अठै इणहीज दिन इणरै पेट आसा रही । सवारै फूल चढण लांगो । तरै इण जमला.. अहीररी बेटी अरज कीधी-"माहरै पेट थांहरो कारण रह्यो छै101... मोनूं हेक रावळे हाथरी सहनांणी द्योग, सवार लोग म्हारे माथै दोनो देसी12 ।' तरै फूल आपरै हाथरी मूंदड़ी13 दीनी न लिखत कर दियो।
दिन २ रहिनै फूल चालियो, सु केलेकोट गयो। आगै फूलरी बैर धण पटरांणी छ, तिणसूं बोहत. कारण छौ, सु वा बात फूल भूल गयो । वांस इण जमला अहीररी बेटी रै पेट गरभ हुतौ, सु लाखो हुवो ।
___ नहीं तो यह जीवे नहीं। 2 कलंक। 3 और मुझे इसकी ऐसी दशा में ही व्याह ... दो तो मैं इसके हाथ लगाऊं। 4 तव ऐसी ही दशामें आपके साथ मेरा विवाह हुआ। 5 आपके दिन खड़े, आपकी आयु शेप। 6 तुम्हारा । 7 तब यह हकीकत विस्तारसे . . कही। 8 जमलाकी वेटीसे यहां बहुत परिणय-क्रीड़ा हुई। 9 यहां उसी दिन इसके पेट गर्भ रह गया। 10 मेरे पेटमें तुम्हारा गर्भ रहा है । II मुझे आपके हाथकी कोई निशानी दो। 12 कल मेरे पर लोग कलंक लगायेंगे। 13 अंगूठी। 14 जिससे वहुत प्रीति थी। 15 इसलिये फूल जमलेकी वेटीके साथ विवाहकी वातको भूल गया। 16 पीछे।